Raag Sneha

गौरवं गुरुषु स्नेहं नीचेषु प्रेम बन्धुषु।
दर्शयन् विनयी धर्मी सर्वप्रीतिकरो भवेत् ॥ 

एक विनम्र और सदाचारी व्यक्ति जो अपने से बड़ों के प्रति प्रेम, छोटे के प्रति स्नेह और अपने परिजनों के प्रति प्रेम भाव रखता है, सभी को प्रिय है।

And on that note and to celebrate the hymns of love, Apaapi brings you Raag Sneha!